Mukt Chintan

प्रथम अध्याय :- भूमिका

लेखक : ब्रह्म. प. पू. श्री स्वामी शिवोम तीर्थ जी महाराज प्रथम अध्याय – ‘मुक्त चिंतन की भूमिका’ योग सूत्र की शुरुआती भूमिका है जो हमें मुक्ति के लिए चिंतन के महत्वपूर्ण तत्वों की प्रारंभिक समझ प्रदान करती है।”

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