सौन्दर्य लहरी

सौन्दर्य लहरी श्री भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य द्वार रचित एक प्रसादिक स्तोत्र है जिसका पाठ से अनेक साधकों का महान कल्याण हुआ है. श्री जगज्जननी आदिशक्ति महात्रिपुर सुन्दरी के प्रकाश से यह सकल चर-अचर प्रकाशित है। माँ की स्तुति से साधक-शिशुयो के हृदय में अपार शांति एवं अपूर्व तेज और ओज का दिव्य समावेश होता है। यह अनेकों का अनुभव है।उसी महान मंगलमय स्तोत्र की श्री मत्स्वामी श्री विष्णुतीर्थ जी महाराज ने योगपरक अपूर्व व्याख्या की है जो ज्ञान -विज्ञान एवं व्यक्तिगत योगिक अनुभूतियों से समवेत होने के कारण योग-साधको के लिए अनमोल बन गई है। संपूर्ण ग्रंथ मे योग का अंतरंग ज्ञान एवं अनुभव से भरा हुआ है। माँ भगवती के उपासकों के लिए यह अनमोल वस्तु है, सभी साधकों का इस पथ-प्रदर्शन हो सकता है। जय श्री गुरुदेव!!!

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